आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम: देश का पहला सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च, दावा- डीजल के मुकाबले सालाना डेढ़ लाख तक बचेंगे
- Hindi News
- Tech auto
- CNG Tractor; India’s First CNG Tractor Launch By Nitin Gadkari | Here’s Everything You Need To Know About CNG Tractor
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
नई दिल्लीएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
- वर्तमान में पूरी दुनिया में 1.2 करोड़ वाहन CNG से चल रहे हैं
- भारत में CNG की मौजूदा कीमत लगभग 42 रु. प्रति किलोग्राम है
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश के पहले CNG ट्रैक्टर को लॉन्च किया। यह एक पुराने डीजल ट्रैक्टर था, जिसे CNG में बदला गया है। ट्रैक्टर को रॉमैट टेक्नो सॉल्यूशन और टोमासेटो एकाइल इंडिया ने मिलकर डेवलप किया है। दावा किया जा रहा है कि इस ट्रैक्टर के इस्तेमाल से किसान ईंधन लागत पर सालाना लगभग 1 से डेढ़ लाख रुपए तक की बचत कर सकेंगे। फिलहाल इसके खर्च के बारे में कोई ऐलान नहीं किया गया है।
गड़करी ने कहा कि हमारे विभाग ने CNG ट्रैक्टर के स्टैंडर्ड निश्चित किए हैं। इसका सर्टिफिकेशन हुआ है। इसके बाद देश का कोई भी मैन्युफैक्चरर उस स्टैंडर्ड का इस्तेमाल करके ट्रै्क्टर बना सकता है और मार्केट में ला सकता है, अभी तक कोई स्टैंडर्ड ही नहीं था।
किसानों का आत्मनिर्भर बनाएगा ट्रैक्टर
गडकरी ने बताया कि किसान अगर दिन-रात ट्रैक्टर को ट्रांसपोर्टेशन (माल ढोने) में इस्तेमाल करता है तो सालभर में 3.50 लाख रुपए डीजल पर खर्च करता है। वहीं खेती-किसानी के काम इस्तेमाल करता है तो सालभर में लगभग 2.25 से 2.50 लाख रुपए डीजल पर खर्च करता है। लेकिन CNG ट्रैक्टर से सीधे 55% की बचत होगी, यानी 3.50 लाख रुपए के खर्च में 1.50 लाख रुपए की बचत होगी। जो किसान को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी।
CNG ट्रैक्टर में न के बराबर होगा प्रदूषण
खास बात यह है कि वायु प्रदूषण में इससे काफी कमी आएगी। डीजल ट्रैक्टर जहां 70% प्रदूषण करता है, वहीं CNG ट्रैक्टर सिर्फ 15% प्रदूषण करेगी। गडकरी ने कहा कि बायो-CNG की मदद से इसे और भी कम किया जा सकेगा। गडकरी ने बताया कि 5 टन पराली/7 टन कॉटन स्ट्रॉ/5 टन राइस स्ट्रॉ से एक टन बायो-CNG तैयार होती है, यानी किसान ही इस ट्रैक्टर के लिए ईंधन तैयार करेंगे और कमाई करेंगे। उन्होंने बताया कि पराली से बायो-CNG बनाने से देशभर के किसानों की 1500 करोड़ की कमाई होगी।
देशभर में ट्रैक्टर कन्वर्जन सेंटर खुलेंगे
इस किट से किसी भी डीजल ट्रैक्टर में लगाकर उसे CNG में बदला जा सकेगा। इसके लिए देशभर में ट्रैक्टर कन्वर्जन सेंटर खुलेंगे। गडकरी ने बताया कि फिलहाल इस किट में कुछ सामान विदेश का भी है। हम मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत इन कंपोनेंट को भी भारत में ही बनाएंगे। धीरे-धीरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी CNG में शिफ्ट किया जाएगा। किसी भी वाहन को CNG में कन्वर्ट करने पर उसकी लाइफ बढ़ जाएगी। गडकरी ने कहा कि 15 साल पुराने ट्रैक्टर में अगर यह किट लगाई जाए तो वो नया जैसा बना जाएगा, और मात्र डेढ़ साल में रेट्रोफिटिंग (डीजल से CNG में कन्वर्जन) का खर्च भी वसूल हो जाएगा।
वर्तमान में पूरी दुनिया में 1.2 करोड़ CNG बेस्ड वाहन हैं
रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में पूरी दुनिया में 1.2 करोड़ वाहन CNG से चल रहे हैं और कई कंपनियां और नगर निगम हर दिन CNG वाहनों को अपने बेड़े में शामिल कर रही हैं। डीजल इंजन की तुलना में CNG इंजन 70% कम उत्सर्जन करता है। डीजल की मौजूदा कीमत 77.43 रुपए प्रति लीटर है जबकि CNG की मौजूदा कीमत 42 रुपए प्रति किलोग्राम है।