परमबीर सिंह पर क्यों गिरी गाज?: एंटीलिया केस में शामिल नहीं होने के बावजूद इन 5 वजहों से परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस कमिश्नर का पद गंवाना पड़ा
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मुंबईएक घंटा पहले
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एंटीलिया केस में सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद परमवीर सिंह पर जान बूझ कर वझे को संरक्षण देने के आरोप लग रहे थे- फाइल फोटो।
एंटीलिया केस में बुधवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को उनके पद से हटा कर होमगार्ड का DG बनाकर ट्रांसफर कर दिया गया। परमबीर को हटाने की चर्चा पिछले तीन दिनों से लगातार चल रही थी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी लगातार मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, NCP प्रमुख शरद पवार ने भी CM से मुलाकात कर इशारों में परमबीर को हटाने पर सहमती जताई थी। ऐसे में परमबीर सिंह का जाना लगभग तय हो चुका था। आखिर किन कारणों से परमबीर को हटाया गया। आइए पढ़ते हैं…
इन वजहों से हुआ परमबीर सिंह का तबादला
एंटीलिया केस में सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद परमवीर सिंह पर कई तरह के आरोप लग रहे थे।
- 16 साल तक सस्पेंड रहने के बाद 6 जून 2020 को परमबीर सिंह के आदेश पर ही वझे को फिर से API के पद पर बहाल किया गया था।
- ड्यूटी ज्वाइन करने के कुछ ही दिनों बाद उन्हें क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) जैसे महत्वपूर्ण पद पर बतौर चीफ तैनात किया गया। भाजपा का आरोप था कि सरकार के हस्तक्षेप की वजह से कई सीनियर अधिकारियों के होने के बावजूद API सचिन वझे को CIU का हेड परमबीर सिंह ने बनाया।
- परमबीर सिंह ने चर्चित TRP घोटाला, इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की आत्महत्या में रिपब्लिक TV के एडिटर- इन- चीफ अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने, कंगना और ऋतिक के बीच ईमेल विवाद, रैपर बादशाह के फेक फॉलोवर बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण मामले बिना जूरिडिक्शन के सचिन वझे को सौंपी थी।
- एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के बाद यह केस भी परमबीर सिंह के कहने पर ही सचिन वझे को सौंपा गया था। हालांकि, बाद में उन्हें इस केस से हटा दिया गया।
- नियम के मुताबिक, CIU प्रमुख होने के बावजूद सचिन वझे की रिपोर्टिंग अपने से सीनियर इंस्पेक्टर या DCP को होनी चाहिए थी, लेकिन वे हर मामले में परमबीर सिंह को रिपोर्ट करते थे।
‘अंडरवर्ल्ड स्पेशलिस्ट’ माने जाते हैं परमबीर
1988 बैच के IPS अफसर परमबीर सिंह, संजय बर्वे की जगह मुंबई के पुलिस कमिश्नर बने थे। इससे पहले वे भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक के तौर पर तैनात थे। परमबीर को अंडरवर्ल्ड स्पेशलिस्ट के तौर पर भी माना जाता है।
मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच में हुए थे फेमस
परमबीर मालेगांव ब्लास्ट की जांच के दौरान साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आए थे। उस दौरान कहा गया कि सिंह के पास इस मामले की जांच थी और उनके प्रयास से ही प्रज्ञा पर शिकंजा कसा था। हालांकि हेमंत करकरे उस वक्त एटीएस चीफ थे।
एटीएस में आईजी रह चुके हैं परमबीर
परमबीर एटीएस में डिप्टी आईजी के पद पर भी रह चुके हैं। सिंह का सर्विस रिकाॅर्ड अच्छा रहा है। वे चंद्रपुर और भंडारा के जिला पुलिस अधीक्षक भी रह चुके हैं।