फ्रांस में कट्टरवाद के खिलाफ कानून: मस्जिदों और मदरसों पर सरकारी निगरानी बढ़ेगी, जबरन और एक से ज्यादा शादियों पर भी सख्ती
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पेरिस17 मिनट पहले
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फ्रांस के लोअर हाउस यानी संसद के निचले सदन में मंगलवार को इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ एक बिल लाया गया। यह बिल अगर कानून बन जाता है, तो फ्रांस में मस्जिदों और मदरसों पर सरकारी निगरानी बढ़ जाएगी। साथ ही बहु विवाह (polygamy) और जबरन विवाह (forced marriage) पर भी कानूनन सख्ती होगी।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि जेंडर इक्वेलिटी और सेक्यूलरिज्म जैसे फ्रांसीसी मूल्यों की रक्षा किया जाना आवश्यक है, इसलिए ऐसे कानून बनाने देश हित में हैं। वहीं फ्रांस में रहने वाले मुस्लिमों का कहना है कि यह कानून ना केवल उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करेगा, बल्कि उन्हें इसके जरिये निशाना बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि फ्रांस के पास पहले से आतंकवादी हिंसा से लड़ने के लिए पर्याप्त कानून है, इसलिए नया बिल लाने की कोई जरूरत नहीं है।
अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनावों पर नजर
आलोचकों का कहना है कि फ्रांस में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर इस बिल को लाया जा रहा है। इस बिल के जरिए रूढ़िवादी और दक्षिणपंथी मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है। चूंकि नेशनल असेंबली में मैंक्रो की पार्टी का बहुमत है, इसलिए यह बिल वहां से आसानी से पारित हो जाएगा। सीनेट से भी इसके पास होने की उम्मीद है।
पिछले साल स्कूल के बाहर टीचर का सिर काट दिया था
अक्टूबर 2020 में स्टूडेंट्स को पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर एक हमलावर ने टीचर का सिर काट दिया था। घटना राजधानी पेरिस से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर कॉनफ्लैंस सेंट-होनोरिन के एक मिडिल स्कूल के बाहर की थी। हालांकि, तब पुलिस ने आरोपी को मार गिराया था।
इसके पहले भी साल 2015 में विवादित व्यंग्य पत्रिका ‘शार्ली ऐब्दो’ और पेरिस में एक यहूदी सुपर मार्केट पर आतंकवादी हमलों ने देश को दहला दिया था।